अब कब्जाधारी भी बन सकता है मालिक! सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फैसले ने प्रॉपर्टी मालिकों को किया अलर्ट Adverse Possession

By Prerna Gupta

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Adverse Possession 2025

Adverse Possession – अगर आपके नाम पर कोई ज़मीन या मकान है और आपने सालों से उसकी सुध नहीं ली, तो अब वक्त है जागने का। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले ने प्रॉपर्टी की दुनिया में हलचल मचा दी है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर कोई शख्स आपकी ज़मीन पर 12 साल से शांतिपूर्वक कब्जा करके बैठा है और आपने इस दौरान कोई विरोध नहीं किया, तो वो अब उस ज़मीन का कानूनी मालिक भी बन सकता है।

क्या सच में कब्जा करने वाला बन सकता है मालिक?

जी हां, इसे कानून की भाषा में Adverse Possession कहते हैं। इसका मतलब ये है कि अगर कोई इंसान आपकी ज़मीन पर लगातार 12 साल से रह रहा है—खुलेआम, बिना छुपे, और आपने ना कभी उसे टोका और ना कोर्ट का रुख किया—तो वो कोर्ट से उस ज़मीन का मालिकाना हक मांग सकता है। और अगर उसके पास ज़रूरी सबूत हैं, तो कोर्ट उसका दावा मान भी सकती है।

क्या किराएदार भी बन सकता है मालिक?

अब आप सोच रहे होंगे कि अगर कोई किराएदार 12 साल से किराया नहीं दे रहा और आप भी खामोश बैठे हैं तो क्या वो भी आपकी प्रॉपर्टी पर हक़ जता सकता है? जवाब है—हां, कुछ हद तक संभव है। अगर किराएदार खुद को मालिक की तरह पेश करता रहा हो, बिजली-पानी के बिल उसके नाम पर हों, प्रॉपर्टी टैक्स वही भरता रहा हो, और आपने कोई लीगल एक्शन नहीं लिया हो—तो वो Adverse Possession का दावा कर सकता है। मगर ये मामला बहुत डिटेल जांच की मांग करता है।

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क्या यह नया नियम है?

असल में, ये कानून नया नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का रुख जरूर बदला है। पहले 2014 में कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ कब्जा कर लेने से कोई मालिक नहीं बन सकता। लेकिन 2024 के एक नए फैसले में कोर्ट ने कहा कि अगर 12 साल तक कब्जा रहा और असली मालिक चुप बैठा रहा, तो कब्जाधारी को कानूनी मालिक मानने में कोई दिक्कत नहीं है। ये फैसला Limitation Act, 1963 के सेक्शन 27 पर आधारित है।

सरकारी जमीन का क्या नियम है?

अगर प्रॉपर्टी सरकारी है, तो Adverse Possession के लिए समयसीमा 12 नहीं, बल्कि 30 साल है। यानी अगर कोई 30 साल से सरकारी ज़मीन पर कब्जा करके रह रहा है और सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो वो भी मालिक बनने का दावा कर सकता है।

क्या कोई भी अब आपकी जमीन छीन सकता है?

इतना भी आसान नहीं है। कोर्ट Adverse Possession का दावा तभी स्वीकार करता है जब कब्जाधारी के पास ठोस सबूत हों—जैसे कि वह वाकई लंबे समय से रह रहा है, टैक्स भर रहा है, और असली मालिक की तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ है। खाली कब्जा करने से कोई मालिक नहीं बन सकता।

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मौजूदा प्रॉपर्टी मालिकों को क्या करना चाहिए?

अगर आपके पास कोई ज़मीन है जो किसी और के कब्जे में है, तो इसे हल्के में मत लीजिए:

  • समय-समय पर विज़िट करें और देखभाल करें
  • किराएदार से proper रेंट एग्रीमेंट करवाएं और उसका रिकॉर्ड रखें
  • अगर कोई अवैध कब्जा है तो तुरंत लीगल नोटिस भेजें
  • 12 साल पूरे होने से पहले कोर्ट में दावा दायर करें
  • जमीन के दस्तावेज़ अपडेट रखें

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला साफ संदेश देता है—सिर्फ ज़मीन के कागज़ात रखना काफी नहीं है, बल्कि प्रॉपर्टी पर आपकी निगरानी भी जरूरी है। अगर आपने सालों तक अपनी ज़मीन पर ध्यान नहीं दिया और कोई दूसरा वहां रह रहा है, तो वो भी अब मालिक बन सकता है।

Disclaimer

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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें बताए गए कानूनी बिंदु समय के साथ या विशेष मामलों में अलग हो सकते हैं। किसी भी प्रॉपर्टी विवाद या कब्जे से संबंधित कदम उठाने से पहले अनुभवी वकील या कानूनी सलाहकार से संपर्क ज़रूर करें। लेख में दी गई जानकारी सिर्फ जागरूकता फैलाने के लिए है और इसे कानूनी राय का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

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