Free Ration Scheme – यूपी की फ्री राशन स्कीम गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए बहुत बड़ा सहारा है। हर महीने लाखों परिवारों को इस योजना के तहत मुफ्त अनाज दिया जाता है। लेकिन हाल ही में हुए एक बड़े सत्यापन अभियान में ऐसा खुलासा हुआ है जिसने सबको हैरान कर दिया। कई ऐसे लोग भी राशन ले रहे थे, जिनकी न तो इस स्कीम में जरूरत थी और न ही वे जीवित थे।
29 हजार फर्जी नाम सामने आए
मार्च से मई 2025 के बीच जिलापूर्ति कार्यालय ने करीब 21.60 लाख राशन यूनिट्स का सत्यापन किया। इस दौरान पाया गया कि 15 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी, फिर भी उनके नाम पर राशन लिया जा रहा था। इसके अलावा 14 हजार लोग ऐसे निकले जो दूसरे राज्यों जैसे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और उत्तराखंड में रहकर नौकरी कर रहे हैं – यानी वे यहां रह ही नहीं रहे थे, फिर भी मुफ्त राशन का लाभ ले रहे थे।
शादीशुदा बेटियां और बाहर रहने वाले लोग भी बने बैठे थे कार्डधारक
सत्यापन में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई – कई ऐसे परिवार थे जिनकी शादीशुदा बेटियां या फिर जो सदस्य लंबे समय से किसी और जगह शिफ्ट हो चुके हैं, उनके नाम अब भी राशन कार्ड में थे। और तो और, उनके नाम पर सालों से अनाज भी उठाया जा रहा था। अब यह पूरी प्रक्रिया नियमों के खिलाफ मानी गई है।
डीएम ने दिए सख्त निर्देश
शाहजहांपुर के डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर यह जांच अभियान शुरू किया गया था। इसके तहत जिन लोगों को अपात्र पाया गया, उनके नाम राशन लिस्ट से हटा दिए गए हैं। जिला पूर्ति अधिकारी चमन शर्मा ने बताया कि अब स्कीम का असली फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जो सच में इसके हकदार हैं।
ई-केवाईसी नहीं? तो हो सकता है कार्ड रद्द
जिन कार्डधारकों ने अब तक अपनी ई-केवाईसी नहीं कराई है, उनके लिए चेतावनी जारी की गई है। अगर आपने अभी तक यह जरूरी काम नहीं किया है, तो जल्दी से अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र जाकर केवाईसी पूरा करवा लें। नहीं तो राशन कार्ड रद्द भी किया जा सकता है।
अब जरूरतमंदों को मिलेगा असली हक
सरकार का साफ मकसद है कि फ्री राशन योजना का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी वाकई में जरूरत है। इसलिए जो नाम सूची से हटाए गए हैं, उनकी जगह अब नए पात्र लोगों को जोड़ा जाएगा। इससे न सिर्फ फर्जीवाड़ा रुकेगा, बल्कि सही लोगों को उनका हक भी मिलेगा।
Disclaimer:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। राशन योजना से संबंधित नियम व प्रक्रियाएं समय-समय पर बदल सकती हैं। कृपया किसी भी आधिकारिक कार्रवाई से पहले राज्य सरकार की वेबसाइट या स्थानीय पूर्ति विभाग से संपर्क करके पूरी जानकारी लें। लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों पर आधारित है।