Petrol Diesel Rate – देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर किसी की जुबान पर रहती हैं, क्योंकि ये सीधे-सीधे हमारे जेब पर असर डालती हैं। 13 मई 2025 को जो नए रेट्स आए हैं, उनसे महंगाई को थोड़ा झटका लगा है या राहत मिली है, इसे समझना जरूरी है। तेल कंपनियां हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट करती हैं और देशभर के लोग ये जानने के लिए बेताब रहते हैं कि उनके शहर में कितनी बढ़ोतरी या कमी हुई है।
13 मई 2025 के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में पेट्रोल के दाम ₹94.72 से ₹94.77 के बीच स्थिर हैं, वहीं डीजल भी लगभग ₹87.62 से ₹87.67 के बीच ही है। मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में भी कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन कोलकाता में पेट्रोल के दाम 30-40 पैसे बढ़ गए हैं और डीजल में भी 20 पैसे की मामूली बढ़ोतरी हुई है। कुछ शहरों जैसे गाजियाबाद में पेट्रोल महंगा हुआ है जबकि नोएडा और पटना में थोड़ा सस्ता हुआ है। इसका मतलब ये है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में कीमतों का थोड़ा उतार-चढ़ाव जारी है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव के कारण
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने या घटने की कई वजहें होती हैं। सबसे बड़ी वजह है अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें। भारत तेल का बड़ा आयातक है, इसलिए जब ब्रेंट क्रूड और WTI के दाम बढ़ते हैं, तो ये असर सीधे भारत के ईंधन के दामों पर पड़ता है। अभी कच्चे तेल की कीमतें ब्रेंट क्रूड 64 डॉलर के आसपास हैं, जो पिछले कुछ समय में थोड़ी बढ़ी हैं। इसके अलावा भारत-पाक सीमा पर बढ़े तनाव ने सप्लाई चेन को प्रभावित किया है, जिससे कीमतों में हल्की तेजी देखी गई है। सरकार की ओर से लगाई गई एक्साइज ड्यूटी, राज्य सरकारों का वैट, और डीलर कमीशन भी दाम तय करने में बड़ा रोल निभाते हैं। साथ ही डॉलर-रुपये की विनिमय दर में बदलाव भी ईंधन की कीमतों को प्रभावित करता है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों का आम आदमी पर प्रभाव
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का असर केवल ट्रांसपोर्ट सेक्टर तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इससे रोजमर्रा की चीजों की कीमतें भी बढ़ जाती हैं। जब ट्रांसपोर्ट महंगा होगा तो सब्जी, फल, दूध और अन्य जरूरी सामान के दाम भी ऊपर जाएंगे। इसका सीधा असर मध्यम और गरीब वर्ग की जेब पर पड़ता है, क्योंकि उनकी आमदनी सीमित होती है। व्यापार और उद्योग पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव होता है, क्योंकि वे अपने खर्च बढ़ने के कारण उत्पादों के दाम बढ़ा सकते हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों का हालिया ट्रेंड
पिछले कुछ महीनों का रुझान देखें तो मार्च 2025 में पेट्रोल-डीजल के दामों में 2-2 रुपये तक की कटौती हुई थी, लेकिन अप्रैल और मई में फिर से अंतरराष्ट्रीय तनाव और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से दामों में हल्का इजाफा देखा गया है। ज्यादातर शहरों में दाम स्थिर हैं या मामूली उतार-चढ़ाव के साथ बने हुए हैं। पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट्स हर दिन सुबह 6 बजे सरकारी तेल कंपनियों की वेबसाइट, मोबाइल ऐप या पेट्रोल पंप पर आसानी से चेक किए जा सकते हैं।
सरकार की भूमिका और भविष्य की संभावना
सरकार की भूमिका भी इस पूरे परिदृश्य में अहम है। केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने टैक्स और वैट के जरिए दामों को नियंत्रित करती हैं। चुनाव, बजट या किसी खास परिस्थिति में सरकार टैक्स कम कर के पेट्रोल-डीजल के दामों में राहत दे सकती है। फिलहाल तो ऐसी कोई बड़ी राहत की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में बाजार और राजनीतिक परिस्थितियों के हिसाब से कुछ भी हो सकता है।
भविष्य में अगर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रह सकते हैं। लेकिन भारत-पाक सीमा पर तनाव या किसी अन्य वैश्विक संकट के कारण कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है। इसलिए आम जनता को चाहिए कि वे रोजाना सुबह ताजा रेट्स जरूर देखें और फ्यूल खर्च कम करने के लिए उपाय अपनाएं। जैसे वाहन का सही रखरखाव, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल, कार पूलिंग या बाइक शेयरिंग। इससे पैसे भी बचेंगे और पर्यावरण को भी फायदा होगा।
कुल मिलाकर 13 मई 2025 के पेट्रोल-डीजल रेट अपडेट में कुछ शहरों में मामूली बढ़ोतरी और कुछ में कमी आई है, जिससे महंगाई पर थोड़ा-बहुत असर हुआ है। ये कीमतें रोज बदलती रहती हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
Disclaimer
यह लेख 13 मई 2025 तक के सार्वजनिक डेटा और जानकारी पर आधारित है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बाजार की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों, सरकार की नीतियों और स्थानीय टैक्स व्यवस्था के अनुसार समय-समय पर बदल सकती हैं। इसलिए हमेशा ताजा जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से जांच करना आवश्यक है।