RBI Action On Banks – अगर आपका खाता HCBL Co-operative Bank में है या आप इस बैंक से किसी तरह से जुड़े हैं, तो आपके लिए ये खबर बेहद जरूरी है। RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है और लखनऊ स्थित इस सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। ये फैसला 20 मई 2025 को लिया गया और अब यह बैंक पूरी तरह बंद हो चुका है।
अब सवाल यह है कि आखिर RBI ने ऐसा कठोर कदम क्यों उठाया? खाताधारकों का क्या होगा? उनका पैसा सुरक्षित है या नहीं? अगर आप भी इन सभी सवालों से परेशान हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
क्यों रद्द किया गया बैंक का लाइसेंस?
RBI ने साफ-साफ कहा है कि HCBL को-ऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति काफी कमजोर थी।
- बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी
- भविष्य में आय अर्जित करने की कोई ठोस संभावना नहीं थी
- लगातार नियमों का उल्लंघन हो रहा था
ऐसी स्थिति में बैंक को चलाए रखना जमाकर्ताओं के हित में नहीं था। यही वजह रही कि RBI ने इसका लाइसेंस रद्द कर दिया और 19 मई की शाम से बैंक का संचालन पूरी तरह रोक दिया गया।
अब बैंक में जमा पैसे का क्या होगा?
ये सबसे बड़ा सवाल है जो हर खाताधारक के मन में है। लेकिन घबराइए नहीं, क्योंकि RBI और DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) की तरफ से खाताधारकों के लिए राहत की व्यवस्था पहले से मौजूद है।
DICGC के तहत हर खाताधारक को 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिलती है।
इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपके खाते में 5 लाख रुपये या उससे कम की राशि जमा है, तो वह पूरी तरह सुरक्षित है और आपको वापस मिल जाएगी।
कितने खाताधारकों को मिलेगा पूरा पैसा?
RBI के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 98.69% खाताधारकों को उनकी पूरी जमा राशि DICGC के तहत मिल जाएगी।
यानि कि इस बैंक में खाता रखने वाले ज्यादातर ग्राहकों को कोई नुकसान नहीं होगा।
अब तक कितना भुगतान हो चुका है?
31 जनवरी 2025 तक, DICGC ने लगभग 21.24 करोड़ रुपये की बीमित जमा राशि का भुगतान कर दिया है।
जिन खाताधारकों ने बीमा क्लेम प्रक्रिया पूरी कर ली थी, उन्हें पहले ही भुगतान मिल चुका है। बाकियों को भी नियमानुसार भुगतान किया जाएगा।
खाताधारक अब क्या करें?
अगर आपका खाता HCBL को-ऑपरेटिव बैंक में है, तो अब आपको तुरंत कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए:
- DICGC क्लेम प्रोसेस शुरू करें: जल्दी से जल्दी अपनी बीमा दावा प्रक्रिया पूरी करें।
- जरूरत पड़ने पर संपर्क करें: RBI के नजदीकी कार्यालय या DICGC की आधिकारिक वेबसाइट से सहायता लें।
- नया बैंक खाता खोलें: भविष्य की बैंकिंग जरूरतों के लिए किसी मान्यता प्राप्त और सुरक्षित बैंक में खाता खोलें।
आगे क्या होगा?
अब RBI ने उत्तर प्रदेश के सहकारी आयुक्त और पंजीयक से बैंक को आधिकारिक रूप से बंद करने का अनुरोध किया है।
साथ ही एक लिक्विडेटर (Liquidator) की नियुक्ति की जाएगी, जो बैंक की संपत्ति को बेचकर, सभी देनदारियों को निपटाने की प्रक्रिया संभालेगा।
बैंक ने किन नियमों का उल्लंघन किया?
RBI का कहना है कि HCBL को-ऑपरेटिव बैंक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की कई महत्वपूर्ण धाराओं का पालन करने में विफल रहा है।
- बैंक की वित्तीय रिपोर्ट कमजोर थी
- पूंजी पर्याप्त नहीं थी
- जोखिम बढ़ता जा रहा था
ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो गया था कि बैंक को बंद कर दिया जाए ताकि ग्राहकों के हित सुरक्षित रह सकें।
को-ऑपरेटिव बैंकों पर क्यों हो रही लगातार कार्रवाई?
यह पहला मौका नहीं है जब किसी को-ऑपरेटिव बैंक पर RBI की बड़ी कार्रवाई हुई हो।
पिछले कुछ वर्षों में कई छोटे और मध्यम स्तर के सहकारी बैंकों पर
- वित्तीय कुप्रबंधन
- पूंजी की कमी
- नियमों की अनदेखी
जैसी वजहों से कार्रवाई की गई है।
इससे पहले भी कई बैंक जैसे PMC बैंक, CKP Co-op Bank आदि के लाइसेंस रद्द हो चुके हैं।
खाताधारकों को सचेत रहने की जरूरत
अगर आप किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक में खाता रखते हैं, तो यह समय है सचेत होने का।
- बैंक की वित्तीय स्थिति की जानकारी रखें
- RBI द्वारा अधिकृत बैंकों को ही प्राथमिकता दें
- अपने पैसे को कई जगह वितरित करें ताकि किसी एक बैंक में जोखिम होने पर पूरी पूंजी खतरे में न आए
HCBL को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होना उन लाखों ग्राहकों के लिए बड़ा झटका है जो इस बैंक से जुड़े थे। हालांकि राहत की बात ये है कि DICGC के तहत ज्यादातर खाताधारकों को उनकी पूरी जमा राशि मिल जाएगी।
RBI की ये कार्रवाई इस बात का संकेत है कि अब लापरवाह बैंकों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है और जमाकर्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
इसलिए अगर आप भी किसी बैंक के ग्राहक हैं, तो समय रहते सावधान हो जाएं और सुरक्षित बैंकिंग विकल्पों को अपनाएं।