Salary Hike – भारत के लगभग एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जनवरी 2025 में आयोग के गठन की घोषणा के बाद कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। खासतौर पर फिटमेंट फैक्टर में बदलाव की उम्मीद से वेतन वृद्धि की संभावना बढ़ गई है।
आठवें वेतन आयोग की वर्तमान स्थिति
हालांकि आयोग का गठन जनवरी में घोषित हुआ था, लेकिन सदस्यों की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सदस्यों के नाम घोषित किए जाएंगे। उम्मीद है कि आयोग अपनी रिपोर्ट 2026 की दूसरी छमाही तक दे देगा और सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं।
महंगाई भत्ते का मूल वेतन में विलय
इस बार के वेतन आयोग में महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में शामिल करने का प्रस्ताव है। यह प्रक्रिया कर्मचारियों के वेतन में स्थिरता लाने में मदद करेगी। वर्तमान में महंगाई भत्ता 55% तक पहुंच चुका है, जिससे न्यूनतम मूल वेतन करीब ₹27,900 हो गया है। इस विलय से वेतन वृद्धि का प्रतिशत कम हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक फायदे होंगे।
फिटमेंट फैक्टर में संभावित वृद्धि और वेतन वृद्धि
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिटमेंट फैक्टर 1.92 से बढ़कर 2.57 या इससे भी अधिक हो सकता है। इसका मतलब यह होगा कि न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹53,568 से ₹79,794 तक हो सकता है। इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति और जीवन स्तर में बड़ा सुधार होगा।
आठवें वेतन आयोग के समक्ष चुनौतियां
महंगाई, कर्मचारियों की बढ़ती उम्मीदें, आर्थिक स्थिति और बजट प्रतिबंध जैसी चुनौतियां आयोग के निर्णयों को प्रभावित करेंगी। वैश्विक महामारी और मुद्रास्फीति भी फैसलों पर असर डाल सकते हैं। आयोग को इन सभी पहलुओं पर संतुलित नजरिया अपनाना होगा।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की अपेक्षाएं
कर्मचारी और पेंशनभोगी चाहते हैं कि उनका वेतन और पेंशन दोनों में पर्याप्त वृद्धि हो। खासकर न्यूनतम वेतन ₹26,000 या उससे अधिक करने की मांग जोर पकड़ रही है। पेंशन में भी सुधार की उम्मीद है ताकि उनकी आर्थिक सुरक्षा बनी रहे।
पिछले वेतन आयोगों की तुलना
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुईं, जिनसे औसतन 14% वेतन वृद्धि हुई थी। उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। आठवें आयोग से उम्मीद है कि यह इससे बेहतर होगा और कर्मचारियों को अधिक लाभ देगा।
वेतन वृद्धि का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने से उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियां प्रोत्साहित होंगी। हालांकि इससे सरकारी बजट पर दबाव और मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना भी है, इसलिए संतुलन बनाए रखना जरूरी होगा।
सरकार से अपेक्षाएं और भविष्य की राह
सरकार से उम्मीद है कि वह आठवें वेतन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति जल्दी करेगी और रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश की जाएगी। कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हों और फिटमेंट फैक्टर न्यायसंगत हो।
आठवें वेतन आयोग से जुड़े मुद्दों ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में नई उम्मीदें जगा दी हैं। फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी और डीए के मूल वेतन में विलय से वेतन में काफी सुधार होगा, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करेगा। हालांकि प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा और धैर्य की जरूरत है।